Press Cover "Inaugural Ceremony of SWS Power of Women" on 15th May'15 @ Colors Royal Cafe , Lucknow
“मेरे बाद किसी के जीवन में उजाला करेंगी मेरी आंखें”
~अमर उजाला ब्यूरो
अमर उजाला फाउंडेशन और सिंध वेलफेयर सोसाइटी का नेत्रदान शिविर
~महिलाओं ने लिया नेत्रदान का संकल्प
लखनऊ। आमतौर पर ये कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति नेत्रदान, रक्तदान या देहदान करने का प्रण करे तो अमूमन सबसे पहले उन्हें घर की महिलाएं ही रोकती हैं। लेकिन शुक्रवार को ‘अमर उजाला’ फाउंडेशन और सिंध वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नेत्रदान शिविर का नजारा अलग ही था।
शाहनजफ रोड स्थित रॉयल कैफे में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान 60 लड़कियों व महिलाओं ने नेत्रदान करने के लिए पंजीकरण फार्म भरा। इस मौके पर सिंध वेलफेयर सोसाइटी की महिला इकाई की लॉन्चिंग भी की गई। सभी नेत्रदान पंजीरकण कराने वालों को ‘अमर उजाला’ फाउंडेशन की ओर से प्रशस्ति पत्र व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि व महिला इकाई की मुख्य संरक्षक दादी कमला गोकलानी ने कहा कि भगवान कृष्ण ने भी रुकमणि से बोला था कि मृत्यु के बाद उनके नेत्रों का दान कर दिया जाए।
इसी से पता चलता है कि ये कितना महान कार्य है। नेत्रदान करने के लिए महिलाओं के साथ ही इकाई में शामिल छात्राओं में भी गजब का उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम में आए श्री चांड्रूराम जी के पुत्र श्री साईं मोहन लालवानी और उनकी पत्नि राधिका लालवानी ने इस मौके पर नेत्रदान के साथ ही मां के महत्व पर विचार रखे। राधिका लालवानी ने कहा कि भगवान ने केवल मां को ही अपने सभी रूप और शक्तियां दी हैं। उसके पास जनन, पालन और बच्चों में आ रही बुराई का अंत करने की शक्ति है। इस दौरान उत्तर प्रदेश सिंधी सभा के अध्यक्ष मुरलीधर आहूजा, सिंध वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अतुल राजपाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हंसराज, महासचिव सतेंद्र भवनानी, उपाध्यक्ष अशोक हंसवानी, कोषाध्यक्ष संजय चांदवानी, आई.टी. मीडिया प्रमुख सुमित मंगलानी,आईपीएस राजाराम सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
सिंध वेलफेयर सोसाइटी की महिला इकाई की अध्यक्ष प्रीति डेम्बरा ने बताया कि वह लोग संस्था द्वारा पहले से किए जा रहे सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देंगे। इसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान शिविर, नेत्रदान शिविर, देहदान शिविर, बच्चों व युवक-युवतियों को सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित करना, थेलेसेमिया के प्रति जागरूकता, महिला सशक्तिकरण व जागरूकता प्रमुख हैं। कार्यक्रम के दौरान इकाई की संरक्षक मुक्ता भागवानी व तृप्ति लालवानी, महासचिव जया चांदवानी, कोषाध्यक्ष मौसमी भवनानी सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे।
~इन्होंने कराया नेत्रदान के लिए पंजीकरण
महिला ईकाई की अध्यक्ष प्रीति डेम्बरा, उनकी बहू व महिला इकाई की मीडिया प्रभारी अंजली डेम्बला, बेटी व स्वास्थ्य शिविर समन्वयक कीर्ति जोतवानी और कीर्ति की सिस्टर इन लॉ व कार्यकारिणी सदस्य मिशा हसवानी ने एक साथ नेत्रदान के लिए फार्म भरा। इससे पहले भी ये लोग साथ में अमर उजाला और संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक शिविर में रक्तदान कर महादानी बन चुके हैं। प्रीति डेम्बरा ने कहा कि एक व्यक्ति के नेत्रदान करने से छह लोगों की दुनिया में उजाला होता है। कीर्ति, अंजली और मिशा ने कहा कि सभी को इस नेक काम केलिए खुद आगे आना चाहिए।
नेत्रदान व्यक्ति की मृत्यू के बाद होता है इसलिए इसमें कोई हर्ज नहीं। यदि कोई नेत्रदान नहीं करता तो भी उसके मरने के बाद आंखे शरीर के साथ दफना या जला दी जाती हैं। इससे अच्छा है कि किसी के जीवन में रौशनी लाई जाए।~कनक राजपाल, सचिव
जब इस शिविर का पता चला तो सबसे पहले नेत्रदान के लिए मैंने ही पंजीकरण कराया। मुझे लगता है कि सभी में इस तरह का उत्साह होना चाहिए। हमारे इस प्रयास से समाज की अन्य महिलाओं व बाकी लोगों को भी प्रेरणा लेकर ये पूनीत काम करना चाहिए।~अमीशा भवनानी, उपाध्यक्ष
आज तो सिर्फ नेत्रदान के लिए फार्म भरा है लेकिन जल्द ही देहदान के लिए भी पंजीकरण कराऊंगी। मरने के बाद शरीर बेकार जाए उससे अच्छा है कि दूसरों को जीवन मिले।
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चंचल अहूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष
मेरे जाने के बाद भी आंखें जिंदा रहकर दुनिया देखेंगी। मैंने ठान लिया है कि अब दूसरों को भी रक्तदान, नेत्रदान और देहदान के लिए प्रेरत करना है। यदि एक व्यक्ति ने भी मेरे कहने से ऐसा किया तो प्रयास सफल समझूंगी। आज पंजीकरण के बाद खुद को बहुत अच्छा लगा।~आशा खेतपाल
मेरे पति पहले ही नेत्रदान के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। उन्हीं को देखकर मुझे भी प्रेेरणा मिली। हमारी आंखे मरने के बाद बेकार जाएं और कोई व्यक्ति जीते जी दुनिया न देख सके ये खराब बात है। इसलिए सभी को नेत्रदान करना चाहिए।~सोमा वलेछा
एक व्यक्ति के नेत्र दान करने से 6 लोगों के जीवन में उजाला हो सकता है। मैं सौभग्यशाली हूँ जो मुझे इसका मौका मिला।
~ कंचन मंगलानी ~ आई.टी.प्रमुख~ ऐस.डब्लू.ऐस पॉवर ऑफ़ वोमेन